वो जो आज जीते है...
वो जो वर्तमान जीते है....
जिंदादिल होते है वो जो वक्त जीते है...
कोई मंजिल जीता है, कोई मुकाम को जीता है...
कोई शुरुआत जीता है, कोई विराम जीता है....
फकीर होते है वो जो सफर का आराम जीते है...
वो जो वक्त के पन्नों पर अपनी स्याही से तकदीर लिखते है...
वो जो उम्र की बोतल को एक एक घूंट पीते है...
वो जो भविष्य की ललकार को चुनौती देते है....
वो जो रुकते है तो बस, वर्तमान की ठोकर खाने...
वो जो नियमों को ताक पर रख कर जीते है...
फकीरी जीते है वो, जो असफलताओं के जाम पीते है...
बुजदिल रखते है नाकामियों को दिमाग में,
वो जो इन्हें दिल में रखते है, सफलताओं का वर्तमान जीते है...
~~~~शर्मा_दीपू
बहुत ही अच्छी कविता 👌🏻👌🏻
ReplyDeleteVery good 👍👍👍
ReplyDeleteNice 👍
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