अंगूरों का बना शरबती जाम हो जैसे,
किसी नवविवाहित जोड़े की पहली शाम हो जैसे...
ये यादें भी बरसों पुराने किसी कर्ज सी चुभती है....
ये सर्द रातें भी किसी दर्द सी चुभती है
ये सर्द रातें भी किसी दर्द सी.........!!
आँखों मे चुभा कांटा हो जैसे...
किसी मासूम की गाल पर चांटा हो जैसे...
ये खामोशियाँ भी किसी लाइलाज मर्ज़ सी चुभती है....!!
ये सर्द रातें भी किसी.....!!
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