सुनो मैं नजर लिखता हूँ, तुम नजर करना....
सुनो मैं नजर लिखता हूँ, तुम नजर करना....
मैं ग़र लिखूं खामोशियाँ, तुम उसकी भी कदर करना......
सुनो मैं नजर लिखता..............
तुम भाव पकड़ना बस भाव मत पकड़ना
यूँ करना मेरी गहराई का राज पकड़ना,
और सुनो
तुम राजदार हो मेरे , इस गुनाह को अमर करना...!!
सुनो मैं नजर लिखता हूँ, तुम नजर करना....!!
सुनो मैं नजर लिखता हूँ, तुम नजर करना....
मैं ग़र लिखूं खामोशियाँ, तुम उसकी भी कदर करना......
सुनो मैं नजर लिखता..............
तुम भाव पकड़ना बस भाव मत पकड़ना
यूँ करना मेरी गहराई का राज पकड़ना,
और सुनो
तुम राजदार हो मेरे , इस गुनाह को अमर करना...!!
सुनो मैं नजर लिखता हूँ, तुम नजर करना....!!
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