इस कदर टूटा हूं खुद में, जैसे आईने पर रज बिखरी हो...!
इस कदर निखरुंगा इक दिन, जैसे बरसों बाद धूप खिली हो....!!
जय हिंद, जय भारत
#शर्मा_दीपू
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Click Bitz - अधूरी दवात
लिख लिख कलम भी तोड़ी मैंने, बात शब्दों की डोर से पिरोई मैंने। कोरा कागज और लहू का कतरा, बस यही एक अधूरी दवात छोड़ी मैंने.....!! ......

9ice
ReplyDeleteधन्यवाद, जुड़े रहिये
ReplyDeletenice bhai
ReplyDeleteधन्यवाद भाई
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