गुनगुना सा कोई गीत हो...चिल्ड सा संगीत हो...
चार यार हो फिर साथ में, जग जहान जीत हो....!!
कुछ अनकही अधूरी कहानियां हो...कुछ प्रेमपत्र साथ हो...
एक अंगीठी पर रुकें, और गरमा गर्म चाय हो....
दिसंबर की शाम हो....फिर मानसरोवर में स्नान हो...
चार यार हो फिर साथ में....पहाड़ों पर आखरी मेरा मकान हो...
गुनगुना सा कोई गीत हो.....चिल्ड सा संगीत हो....
चार यार हो फिर साथ में, जग जहान जीत हो....!!
जगलों का राह हो..... डरावनी सी आह हो...
एक मोड़ पर गाड़ी रुके.....रात अंधेरी स्याह हो...
सन्नाटे को चीरती कोई घुंघरुओं की आवाज हो...
हम साथ मिल चल पड़ें जिस दिशा में ये मधुर साज हो...
चार यार हो फिर साथ में....डर वाली फिर क्या बात हो...
गुनगुना सा कोई गीत हो.....चिल्ड सा संगीत हो....
चार यार हो फिर साथ में, जग जहान जीत हो....!!
पहली शाम बिताएं बर्फीली घाटियों में.....अगला ठिकाना रेगिस्तान हो...
कुछ भूले बिसरे नगमे हो....कुछ बरसों पुरानी दास्तान हो...
एक पहाड़ी घाटी से गुजरें, जिसका रास्ता अनजान हो...
दूसरी दुनिया में घूमें कही...गूगल मैप भी परेशान हो.....
चार यार हो फिर साथ में...ना पैसा खत्म हो जेब में ना साली थकान हो....
चार यार हो फिर साथ में...बस चार यार हो फिर साथ में...
गुनगुना सा कोई गीत हो.....चिल्ड सा संगीत हो....
चार यार हो फिर साथ में, जग जहान जीत हो....!!
🤗🤗🤗 भाव विभोर कर देने वाली पंक्तियां
ReplyDeleteशानदार
ReplyDelete👌👌😘😘
ReplyDeletedosti ke naam......💫💫
ReplyDeleteWaah
ReplyDeleteSandar
ReplyDeleteSuper 👍
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