एक वो जो पीठ पर वार करते है...
अपनी आंखों में, मेरे लिए खार करते है...
फिर वो चाहते है कि मैं , उन्हीं के शब्दों की गजल लिखूं..
जिसमें मेरी ही मौत का सामान हो...
जिसमें मेरे ही खिलाफ किसी जंग का ऐलान हो..
और हर एक आदमी उसे पढ़ के हैरान हो...
फिर भी मैं सबकी उम्मीदों पर आता हूं...
कड़वे सवालों को भी घेर कर लाता हूं...
ऊपर से ये कि मैं तुम्हारे हर सवाल का जवाब लिखूं...
ऊपर से ये कि मैं मेरी ही मौत का राज लिखूं...
उस पर ये भी कि मैं गद्दारों से अनजान रहूं...
उस पर ये भी कि मैं तुम्हारा दिया हुआ पीठ का वार सहूं,
तुम्हारे हाथ में मेरा ही दिया हुआ हथियार हो...
उस पर ये कि मैं उन्हीं का घोला हुआ जहर पीऊं...
चित, पट, काल, दशा और उन्हीं का मैदान हो,
ताकि बंदा मर के भी उन पर अहसान हो...
तमाशबीन देख कर भी हैरान हो..
..
#Sharma_deepu
👌👌👌
ReplyDeleteWah kya bat h super 👍
ReplyDeleteWoow
ReplyDelete