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Thursday, 15 June 2023

आहिस्ता आहिस्ता

 आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी में सुकून आ रहा है.....

आहिस्ता आहिस्ता जख्मों से खून आ रहा है.....

सब्र है कि ठंडी नहीं पड़ी अभी नशें मेरी.....

आहिस्ता आहिस्ता लहू में भी जून आ रहा है....!!!

मेरी कलम की स्याही सूखी नहीं अभी.....

मुझमें आहिस्ता आहिस्ता लिखने का जनून आ रहा है...

वो जो काटे है मेने दरखत नीरस वक्त के.....

वो जो लिख कर काटे है मैने शब्द रक्त के......

सब अजनबी चेहरों से वाकिफ हो आया दौर ए इल्म में

आहिस्ता आहिस्ता मुझमें सब्र का खून आ रहा है...

आहिस्ता आहिस्ता जिंदगी में सुकून आ रहा है.....!!!

5 comments:

  1. Waaa !! Waa!!!?

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  2. आन्दो धीर धीर कोई चीज आव बा काम गी हुव🙈waa wala👌

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  3. Jo chahiye wahi aa rha hai

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