एक बात याद रखना मेरी
तुम्हें अकेले ही तय करना है ये सफर जिंदगी का....
यहां हर कोई साथ होने का दिखावा करेगा...
यहां साथ वही देगा, जिसे तुम पर यकीन है...!!
तुम्हें बस बढ़ते चलना है अपने सफर पर
मुकाम तक पहुंचने के बाद
तुम्हें सब यही जताएंगे कि वो तुम्हारे साथ थे...
मग़र सफर तुमने अकेले ही तय करना है....
जो अपने होते है, वो बस सफर में छांव बन जाते है..
जहां तुम्हें आराम करना है औऱ आगे बढ़ जाना है...
ये छांव पर है कि वो कहाँ तक साथ चलती है...
इसी से तय होता है, कौन कितना अपना है...!!
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