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Saturday, 12 March 2022

बेवजह

  मैंने बेवजह मुस्कुराना सीख लिया है....

मैंने दर्दों को मन ही मन गुनगुनाना सीख लिया है...!!

पहाड़ सी चुनोतियाँ खड़ी है राहों में...

मैंने इनके बीच से रास्ता निकालना सीख लिया है....!!

ये सफर अभी लम्बा चलेगा, दूर तलक

मैंने रास्तों की धूप से हाथ मिलाना सीख लिया है..!!

मैंने बेवजह मुस्कुराना सीख लिया है....!!

लोग भी आएंगे, झूठ की गठरियाँ लेकर

मैंने सच में से झूठ निकालना सीख लिया है...!!

ये दुनिया है बड़ी अचरज से भरी.....

यहां लोग मिलते है दोमुंहे चेहरे लेकर....

रहबर मेने चेहरे से नकाब उतारना सीख लिया है...!!

मैंने बेवजह मुस्कुराना सीख लिया है...!!

ये दरिया, ये समंदर, ये सब सफर का हिस्सा है...

ये जिंदगी इसे बिना कस्ती के पार करने का किस्सा है....

यहां रुकने वाला हार जाता है जंग-ए-वक्त

मैंने भी ए- जिंदगी बिना थके चलना सीख लिया है...!!

मैंने भी सफर को गुनगुनाना सीख लिया है....!!

मैंने लम्हों को यादगार बनाना सीख लिया है....!!

ए जिंदगी मेने जीना सीख लिया है...

रहबर मैंने बेवजह मुस्कुराना सीख लिया है....!!

....

#बेवजह #शर्मा_दीपू


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