अधर में झूलती जनता, और लाल बत्ती में घूमते नेता, भारतीय राजनीति की पहचान बन चुकी है!
नेतागण बरसाती मेंढक की तरह चुनाव के समय दिखाई देते है, चुनावों के बाद अपनी अपनी झोली भरकर अपनी 7 पुस्तों के लिए धन जमा कर लेते है,
फिर मुहावरे निकलते है, चाचा विधायक है हमारे!!
आश्चर्यजनक रूप से जनता सब कुछ जानते हुए भी कभी कभी खुद को गर्त में ले जाती है,
कोन अच्छा है कौन बुरा , यह तो हर किसी की अपनी सोच है,
मगर मेरे देश पर शहीद होंने वाले फौजी भाइयों को गालियाँ निकालने वाला तो अच्छा नहीं हो सकता?
आतंकियों का साथ देने वाला तो कतई अच्छा नहीं हो सकता?
जनता भी उतनी ही दोषी है जितनी कि हमारे नेता लोग,
इसका कारण है भारतीय जनता द्वारा सरकार से बहोत ज्यादा अपेक्षा करना ओर बदले में कुछ भी देने को राजी ना होना!
जनता को सड़के तो साफ चाहिए, पर ये नही सोचते कि सड़कों पर कचरा फैलाता को है?
जनता को रोजगार तो चाहिए पर उधोगों का विरोध भी बीच बीच मे जनता ही करने लग जाती है, ये बात अलग है कि कुछ नेतागण उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाते है!
जनता को कर्ज तो माफ चाहिए पर टैक्स के नाम पर कोई एक रुपया देने को भी तैयार नहीं होती!
मेरी बातें कुछ लोगों को बुरी जरूर लगेगी, पर याद रखना जिसको भी बुरी लगे वो या तो नेता है, या उसकी लालसा है नेता बनने की!
जय हिंद जय भारत
नेतागण बरसाती मेंढक की तरह चुनाव के समय दिखाई देते है, चुनावों के बाद अपनी अपनी झोली भरकर अपनी 7 पुस्तों के लिए धन जमा कर लेते है,
फिर मुहावरे निकलते है, चाचा विधायक है हमारे!!
आश्चर्यजनक रूप से जनता सब कुछ जानते हुए भी कभी कभी खुद को गर्त में ले जाती है,
कोन अच्छा है कौन बुरा , यह तो हर किसी की अपनी सोच है,
मगर मेरे देश पर शहीद होंने वाले फौजी भाइयों को गालियाँ निकालने वाला तो अच्छा नहीं हो सकता?
आतंकियों का साथ देने वाला तो कतई अच्छा नहीं हो सकता?
जनता भी उतनी ही दोषी है जितनी कि हमारे नेता लोग,
इसका कारण है भारतीय जनता द्वारा सरकार से बहोत ज्यादा अपेक्षा करना ओर बदले में कुछ भी देने को राजी ना होना!
जनता को सड़के तो साफ चाहिए, पर ये नही सोचते कि सड़कों पर कचरा फैलाता को है?
जनता को रोजगार तो चाहिए पर उधोगों का विरोध भी बीच बीच मे जनता ही करने लग जाती है, ये बात अलग है कि कुछ नेतागण उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाते है!
जनता को कर्ज तो माफ चाहिए पर टैक्स के नाम पर कोई एक रुपया देने को भी तैयार नहीं होती!
मेरी बातें कुछ लोगों को बुरी जरूर लगेगी, पर याद रखना जिसको भी बुरी लगे वो या तो नेता है, या उसकी लालसा है नेता बनने की!
जय हिंद जय भारत
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