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Tuesday, 2 October 2018

मेरी जिद्द


शायद मुक़्क़मल न पाऊं जिंदगी में,

मगर एक जिद्द जरूर रहेगी जिंदगी हसीन बनाने की.....!!


जिंदगी जीना सीख न पाया शायद

अकेला गम भी पीना सीख न पाया शायद

खुद को खुद से मिला भी न पाया शायद

मिल भी न पाऊं कभी खुद से शायद

मगर एक जिद्द जरूर रहेगी खुद को पाने  की.......!!!


होंसले  बुलंद  करके  शिखर  को  छूने  की  चाहत रखता  हूँ,

गिर पड़ता हूँ चलते चलते ,ठोकरों  से थक गया हूँ शायद

शायद मिल भी न पाऊं अपने मुकाम से

मगर एक जिद्द जरूर  रहेगी आसमां झुकाने की........!!


कांटे रास्तों पर गिरे होंगे शायद

 मेरे अपने भी दुश्मनो से मिले होंगे  शायद

  अभी इम्तिहान और भी होंगे शायद

  शायद किस्मत भी  जा मिले  मौत  से

  मगर एक जिद्द जरूर रहेगी खुद को साबित करने की .......!!


परकाष्ठा इम्तिन्हा की और भी होगी शायद,

ग़ज़ल दर्द की और भी होगी शायद,

सिलसिला-ए-गम मौत तक चले शायद,

शायद एक दिन मान ही जाए किस्मत मुझ से...

तब तक जिद्द ही रहेगी , सपने भुनाने की..

तब तक मेरी जिद्द ही रहेगी मेहनत से तकदीर बनाने की.......!!

#मेरी_जिद्द #मेरे_ग़म #अपने_ग़म

#शर्मा_दीपू #sharmadeepu #sharma_deepu #hindi #poetry 

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