तुम्हें बस अपने असूलों से समझौता नही करना है,
कभी नहीं....
तुम्हे लड़ना सीखना है
अपने हक के लिए,
और
हक तभी जताया जाता है
जब आप उसके असल हकदार होने की योग्यता रखते हो....
......तो लड़ो,
खुद के बलबूते पर.....
अंत तक....
जबतक तुम पा ना लो...
लक्ष्य को....
साबित करो कि तुम योग्यता रखते हो .....
दिखाओ कि तुम आंखों में क्रांति रखते हो....
.....टूटना मत
जब तलक
वो आसमान झुक ना जाए...
जोरदार दादा ।
ReplyDeleteएक नजर से देखा तो लगा आप ने मुझ पे ही आज का सु विचार बना डाला ।वाह बॉस वाह
Wah wah
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