तुझ में सरूर हो ना हो ,
तुझमें हल्का सा तो गरूर होगा......!!!
तेरा लहू पानी हो गया हो भले,
मगर उबलता तो जरूर होगा......!!!
हार मानकर यूँ बैठ गया है खोली में,
तेरा जज्बा तो जिंदा जरूर होगा.......!!!
परिणाम हक का नही रहा,
मगर तूं लड़कर हारा इसका तो तुझे गरूर होगा......!!
उठ खड़ा हो,
मैं कहता हूं उठ खड़ा हो,
अभी भी लड़ने का जज्बा तुझमे जरूर होगा.....!!
लिख कोरे कागज पर अपने लहू से किस्मत,
की खुदा को भी तुझ पर गरूर होगा......!!!
खा सपथ अपने ही लहू की,
कि बदलूंगा अपनी ही तकदीर की लकीरें......
लिखूंगा वहीं कर्मों की लेखनी से,
जो मेरे अन्तर्मन को मंजूर होगा.......!!!!!
की उठ खड़ा हो बंदे,
लिख अपनी ही किस्मत
होगा वही जो तेरी मेहनत को मंजूर होगा......!!!
ए बंदे,
तुझ में सरूर हो ना हो ,
तुझमें हल्का सा तो गरूर होगा......!!!
जय हिंद, जय भारत
Kya khub likha h
ReplyDeleteधन्यवाद भाई, जुड़े रहिये
Deletewah bhai kya baat h👌👌👍👍
ReplyDeleteधन्यवाद भाई, जुड़े रहिये
DeleteNice
ReplyDeleteDhanywad yogesh ji
Deleteगज़ब लिखा है
ReplyDeleteDhanywaad anmol
ReplyDeleteगज़ब
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